DELHI AIR POLLUTION :दिल्ली में वायु प्रदूषण अपने चरम पर पहुंच गया है। साथ ही एनसीआर क्षेत्र में भी प्रदूषण का हाल एक जैसा ही है। इस बाबत लोगों ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि चारों तरफ भारी-भारी महसूस हो रहा है और ऐसा लग रहा है जैसे दमघुट रहा है और राजधानी में लगातार छठे दिन भी घनी जहरीली धुंध छाई हुई है। राजधानी दिल्ली में प्रदूषण शुरू से ही बड़ा मुद्दा रहा है। यहां खासकर ठंड के दिनों में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है। हालांकि, सरकार अक्सर यह दावे करती है कि दिल्ली में प्रदूषण को कम करने के लिए कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं।इस बीच, सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज दोपहर 12 बजे शहर में प्रदूषण की स्थिति पर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई । जिसमे दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली ऑड ईवन लागू होगा।
सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (एसएएफएआर)-इंडिया के अनुसार,दिल्ली में प्रदूषण का स्तर पिछले कुछ दिनों से ‘गंभीर’ श्रेणी में बना हुआ है और दिल्ली और उसके आसपास कई स्थानों पर AQI ‘400’ रेंज में दर्ज किया गया है। SAFAR के अनुसार, सोमवार सुबह कुल मिलाकर औसत AQI 471 दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के मुताबिक, सुबह 7 बजे तक दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 460 दर्ज किया गया। रविवार को कई क्षेत्रों में AQI 400 से ऊपर दर्ज किया गया था , कुछ स्थानों पर सुबह 7 बजे तक यह 500 के करीब पहुंच गया। द्वारका सेक्टर 9 में AQI 490, IGI एयरपोर्ट T3 में 482, बवाना में 479, वजीरपुर में 478, जहांगीरपुरी में 465, आया नगर में 464, लोधी रोड में 430 और सिरी फोर्ट में 478 है। प्रदूषण नियंत्रण योजना के अंतिम चरण के तहत, राज्य सरकार ने अगले आदेश तक 50% सरकारी कर्मचारियों के लिए ‘घर से काम’ नीति की घोषणा की और 10 नवंबर तक के लिए प्राइमरी स्कूलों को बंद करने का सरकार ने फैसला लिया है। इस दौरान कक्षा 6 से 12वीं तक के स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाओं में शिफ्ट होने का विकल्प दिया गया है।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने भी रविवार को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चरण 4 को लागू किया, जिसमें भारी डीजल-आधारित प्रतिबंध लागू किए गए, जिसमें दिल्ली के बाहर पंजीकृत डीजल-चालित हल्के वाणिज्यिक वाहनों (एलसीवी) पर प्रतिबंध भी शामिल है। बीएस-6 उत्सर्जन मानदंडों के अनुरूप नहीं होने पर तत्काल प्रभाव से राजधानी में प्रवेश करने से रोक दिया जाएगा। राष्ट्रीय राजधानी में खतरनाक स्तर पर वायु प्रदूषण को देखते हुए 8-सूत्रीय कार्य योजना के अनुसार, केंद्र ने क्षेत्र में वायु गुणवत्ता संकट से निपटने के लिए दिल्ली-एनसीआर में रैखिक सार्वजनिक परियोजनाओं से संबंधित निर्माण कार्य और राजधानी में प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों और वाणिज्यिक चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता क्यों खराब हो गई है? हवा की गति में कमी और तापमान में गिरावट सहित प्रतिकूल हवा की स्थिति ने इस गिरावट में योगदान दिया है। केंद्र की वायु प्रदूषण नियंत्रण योजना के हिस्से के रूप में, जब AQI 450 अंक से अधिक हो जाता है, तो प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों, वाणिज्यिक चार पहिया वाहनों और विभिन्न निर्माण गतिविधियों को प्रतिबंधित करने जैसे सभी आपातकालीन उपायों को एनसीआर में लागू किया जाना चाहिए।
दिल्ली नहीं राजस्थान का भिवाड़ी सबसे प्रदूषित…
पिछले कई दिनों से देश की राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के स्तर को लेकर काफी चर्चा हो रही है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि देश में आज जिस शहर में प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा है, वो राजस्थान का भिवाड़ी शहर है । जी हां, आज भिवाड़ी में आज औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 459 (गंभीर श्रेणी) है। वहीं, दिल्ली की बात करें, तो आज सुबह राजधानी का एक्यूआई लेवल 436 दर्ज किया गया।
हरियाणा और उत्तर प्रदेश भी पीछे नहीं
हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में भी प्रदूषण का स्तर गंभीर स्तर पर बढ़ा हुआ नजर आ रहा है।सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में तीसरे नंबर पर हरियाणा का फरीदाबाद है। यहां एक्यूआई लेवल 425 (गंभीर श्रेणी) है। हरियाणा का ही फतेहाबाद चौथे नंबर पर है, जहां एक्यूआई लेवल 419 है। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में आज एक्यूआई लेवल 412 दर्ज किया गया है। वहीं, ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई लेवल 404 दर्ज किया गया है। नोएडा में आज एक्यूआई लेवल 402 दर्ज किया गया, जो गंभीर श्रेणी है। हरियाणा का हिसार (375), उत्तर प्रदेश का हापुड़(372) और मेरठ(370) भी भारत के टॉप 10 प्रदूषित शहरों में शामिल है।