Atal Setu Bridge : मुंबई को मिली 1 और सौगात देश का सबसे लम्बा समुद्री पुल आज शुरू होगा 

LEKH RAJ
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Atal Setu Bridge :प्रधानमंत्री NARENDRA MODI आज देश के सबसे लंबे समुद्री पुल मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (MTHL) का उद्घाटन करेंगे। 21.8 किलोमीटर लंबा समुद्री पुल, जिसका नाम Atal Bihari Vajpayee सेवरी-न्हावा शेवा Atal Setu है, 17,840 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है। इस ब्रिज की सौगात मिलने से मुंबई और नवी मुंबई वालों को लंबे चक्कर और जाम से छुटकारा मिलेगा। इस पुल का वजन एफिल टॉवर के निर्माण में इस्तेमाल किए गए स्टील से 17 गुना ज्यादा है। इस परियोजना को बनने में करीब छह साल लगे साल 2016 में खुद प्रधानमंत्री ने इस प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी।

Atal Setu Bridge

Atal Setu Bridge : प्रधानमंत्री NARENDRA MODI शुक्रवार को महाराष्ट्र का दौरा करेंगे। वे दोपहर करीब 12:15 बजे नासिक पहुंचेंगे, जहां वे 27वें राष्ट्रीय युवा महोत्सव का उद्घाटन करेंगे। दोपहर करीब 3:30 बजे प्रधानमंत्री मुंबई में ‘अटल बिहारी वाजपेयी सेवारी-न्हावा शेवा Atal Setu‘ का उद्घाटन करेंगे। शाम करीब 4:15 बजे प्रधानमंत्री नवी मुंबई में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और आधारशिला रखेंगे। राज्य में 30,500 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का अनावरण करेंगे। यात्रा के दौरान, प्रधान मंत्री ईस्टर्न फ्रीवे के ऑरेंज गेट को जोड़ने वाली एक भूमिगत सड़क सुरंग की आधारशिला भी रखेंगे और राज्य में नमो महिला सशक्तीकरण अभियान की शुरुआत करेंगे।  एमटीएचल के खुल जाने के बाद मुंबई, नवी मुंबई के बाद रायगड जिले में तीसरी मुंबई तैयार करने की योजना सरकार ने बनाई है। इसके लिए एमटीएचएल तैयार करने वाली एजेंसी एमएमआरडीए को वहां की प्लानिंग अथॉरिटी नियुक्त किया गया है।  एमटीएचएल शिवरी से शुरू होकर रायगढ़ जिले के उरण तालुका के न्हावा शेवा में जाकर समाप्त होती है।  दक्षिण मुंबई को नवी मुंबई (सिवड़ी और न्हावा शेवा के बीच) से जोड़ने वाला यह पुल मौजूदा दो घंटे की यात्रा को घटाकर लगभग 15-20 मिनट कर  देगा। छह लेन वाला यह पुल समुद्र पर 16.5 किमी और जमीन पर लगभग 5.5 किमी लंबा है। मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत की में लगने वाले समय को भी कम करेगा। अभी मुंबई से गोवा जाने में 11 घंटे लगते हैं। इस सेतु के खुलने से सिर्फ 9 घंटे लगेंगे। इसी प्रकार से अभी मुंबई से पुणे के बीच आने जाने में तीन घंटे लगते हैं। इस ब्रिज के खुलने से यह सफर 1.3 घंटे में पूरा हो जाएगा।

Atal Setu Bridge :अटल सेतु के निर्माण का उद्देश्य

मुंबई महानगर क्षेत्र – मुंबई, ठाणे, पालघर और रायगढ़ में कनेक्टिविटी में सुधार करना है। यह मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे और नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को तेज़ कनेक्टिविटी प्रदान करेगा और मुंबई से पुणे, गोवा और दक्षिण भारत तक यात्रा के समय को कम करेगा। इससे मुंबई बंदरगाह और जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह के बीच कनेक्टिविटी में भी सुधार होगा।  यात्रियों से पुल के लिए एक तरफ का टोल 250 रुपये लिया जाएगा। पुल पर प्रतिदिन लगभग 70,000 वाहनों के चलने की उम्मीद है। मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (एमटीएचएल) पर चार पहिया वाहनों के लिए अधिकतम गति सीमा 100 किमी प्रति घंटे होगी,जबकि इस पुल पर मोटर साइकल, ऑटोरिक्शा और ट्रैक्टरों की आवाजाही पर पांबदी रहेगी। यानी मोटरसाइकिल, मोपेड, तिपहिया वाहन, ऑटो, ट्रैक्टर, जानवरों द्वारा खींचे जाने वाले वाहन और धीमी गति से चलने वाले वाहनों को इस पुल से गुजरने की अनुमति नहीं होगी। एक अधिकारी के मुताबिक, कार, टैक्सी, हल्के मोटर वाहन, मिनी बस और टू-एक्सल बसों जैसे वाहनों की गति सीमा 100 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। उन्होंने कहा कि पुल के चढ़ने और उतरने पर गति 40 किमी प्रति घंटे तक सीमित रहेगी।

Atal Setu Bridge : इस परियोजना से मुंबई और नवी मुंबई में और उसके आसपास पर्याप्त विकास होगा, जिसकी वजह यह है कि यह एक समय सुदूरवर्ती इलाकों तक पहुंच बढ़ाएगा और विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। यात्रा के समय को कम करना और इसलिए केवल ईंधन की खपत में कटौती करना पर्यावरण को संरक्षित करने के उद्देश्य से एक प्रमुख सामरिक कदम है।   ब्रिज पर 400 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। ब्रिज पर एडवांस लाइटिंग की गई है। इससे लाइट्स का फोकस सिर्फ ब्रिज पर पड़ेगा। समुद्री जीवों का नुकसान नहीं होगा।पक्षियों की सुरक्षा के लिए ब्रिज पर साउंड बैरियर लगाए गए हैं।    एमटीएचएल का निर्माण 10 देशों के एक्सपर्ट और 15,000 स्किल्ड वर्कर्स की मदद से तैयार किया गया है। अत्याधुनिक तकनीक से बना ब्रिज भूकंप के झटकों और समुद्र की तेज लहरों के बीच 100 वर्ष तक खड़े रहने में सक्षम है। निर्माण के दौरान पर्यावरण और समुद्री जीवों का खयाल रखा गया है। इस ब्रिज को तैयार करने में 17,840 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।

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