Constitution Day 2023 : भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। अंग्रेजों से आजादी के बाद Constitution को अपनाया गया था। आज Constitution Day मनाया जा रहा है । डॉ. भीमराव आंबेडकर को श्रद्धांजलि देने के और हर साल संविधान अपनाने की तारीख को याद करने के लिए संविधान दिवस Constitution Dayमनाया जाता है यह संविधान ही है जो हमें एक आजाद देश का आजाद नागरिक की भावना का अहसास करता है जहाँ संविधान के दिए गए मौलिक अधिकार हमारी ढाल बनकर हमें हमारा हक़ दिलाते है वही इसमें दिए मौलिक कर्त्तव्य में हमें हमारी जिम्मेदारी का भी अहसास करते है इस दिन को पहले राष्ट्रीय कानून दिवस के तौर पर मनाया जाता था साल 2015 में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के 125वें जयंती पर इसे संविधान दिवस के रूप में मनाया जाने लगा । इस दिन सरकारी दफ्तरों, स्कूलों एवं कॉलेजों में कार्यक्रम, स्पीच, क्विज, आदि का आयोजन किया जाता है।
Constitution Day 2023 :हमारे देश का संविधान कई सिद्धांतों को समेटे हुए है जिनके आधार पर ही देश की सरकार और नागरिकों के लिए मौलिक राजनीतिक सिद्धांत प्रक्रियाएं अधिकार दिशा-निर्देश कानून वगैरह तय करती है । यह ऐसा Constitution है, जिसमें देश के हर एक नागरिक के अधिकारों और उसकी आजादी का खयाल रखा गया है भले ही संविधान 26 नवंबर, 1949 तक तैयार कर लिया गया था, लेकिन इसे लागू करने से पहले दो महीने तक हर बारीकी पर नजर रखी गई ताकि कोई त्रुटि नहीं रह जाये । इसके लिए संविधान को अच्छे से पढ़ा गया और फिर अंग्रेजी से हिंदी में इसका ट्रांसलेशन किया गया । भारत के संविधान को तैयार होने में दो साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा । इस दौरान संविधान सभा ने 166 दिनों तक लगातार मुलाकात की । संविधान सभा के सदस्यों ने 24 जनवरी, 1950 को संविधान की दो हस्तलिखित प्रतियों (हिंदी और अंग्रेजी में एक-एक) पर साइन किया। दो दिन बाद यानी 26 जनवरी, 1950 को भारत का संविधान देश का कानून बन गया और लागू हुआ । इस तरह भारत अंग्रेजों से आजाद होने के बाद एक गणतंत्र देश बना।
Constitution Day 2023 :क्यों मनाया जाता है Constitution Day
26 नवंबर 1949 में भारतीय संविधान सभा की ओर से संविधान को अंगीकार किया गया था। 26 नवंबर को प्रतिवर्ष Constitution डे मनाया जाता है भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को भी श्रद्धांजलि देने के लिए संविधान दिवस को मनाने का फैसला लिया गया था। भारत का संविधान कई सिद्धांतों को समेटे है, जिनके आधार पर देश की सरकार और नागरिकों के लिए मौलिक, राजनीतिक सिद्धांत, प्रक्रियाएं, अधिकार, दिशा-निर्देश, कानून वगैरह तय किए गए हैं।
Constitution Day 2023 :इन देशों के संविधानों की ली मदद ली गयी
भारत के संविधान को बनाने में कुल 2 वर्ष, 11 माह और 18 दिन का समय लगा था। इस तरह से 26 नवंबर 1949 को हमारा संविधान पूरा बनकर तैयार हुआ। भारत का संविधान पूरी दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। संविधान बनाते समय कई देशों के नियमों को शामिल किया गया था। जिससे आम लोगों के जीवन में बेहतरीन सुधार लाए जा सके। इसके लिए अमेरिका, आयरलैंड, कनाडा, जापान, ऑस्ट्रेलिया और युनाईटेड किंगडम जैसे देशों के संविधानों की सहायता ली गई। इन देशों के संविधानों से हमने नागरिकों के कर्तव्य, मौलिक अधिकार, सरकार की भूमिका, प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, राज्यपाल और चुनाव की प्रक्रिया जैसे महत्वपूर्ण विषयों का चयन किया। संविधान सभा ने भारतीय संविधान को पूर्ण रूप से तैयार करने के दौरान 11 सत्रों में 165 बैठकें की। सदस्यों ने प्रारूप संविधान के संबंध में 7,600 से अधिक संशोधन प्रस्तुत किए । संविधान लागू होने के समय देशभर में कुल 16 मूल प्रतियां जारी की गई थीं। भारत सरकार ने एक मूल प्रति सिंधिया राजवंश को दी थी। 1950 में सिंधिया राजवंश को मिली ये मूल प्रति सन 1956 में महाराज बाड़ा स्थित सेंट्रल लाइब्रेरी में सुरक्षित रखी गई। लाइब्रेरी में यह प्रति 31 मार्च 1956 को राखी गयी थी । ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद, संविधान सभा ने इस नवगठित राष्ट्र के संविधान का मसौदा तैयार करने का कार्य किया। सभा की अध्यक्षता डॉ. भीमराव अंबेडकर ने की जबकि डॉ. राजेंद्र प्रसाद इसके अध्यक्ष थे।
Constitution Day 2023 :संविधान ने क्या दिया?
26 नवंबर को दिन हर भारतवासी के लिए गर्व करने का दिन है। ये वह दिन है जब भारत में ऐसी किताब बनकर तैयार हुई जिसने हर भारतीय को समानता का अधिकार दिया, हर भारतीय को खुलकर जीने का अधिकार दिया, हर भारतीय को अपने फैसले खुद लेने का अधिकार दिया। इस संविधान को बनाने के लिए दिन-रात कड़ी मशक्कत करनी पड़ी, ताकि किसी भी व्यक्ति के अधिकार कहीं छूट ना जाएं। क्योंकि भारत विविधताओं का देश है। ऐसे में सभी धर्म, मत, जाति और अलग-अलग विचारों के लोगों को एक साथ लाना बहुत ही मुश्किल काम था।
इस तरह हम ये कह सकते है की यह प्रत्येक नागरिक की आशाओं और अपेक्षाओं का प्रतिबिंब है।