Govardhan Puja 2023 :कार्तिक मास में हर साल शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा का त्यौहार हर्षोउल्लास का मनाया जाता है । जो इस बार 13 और 14 दोनों दिन है । इस दिन श्रीकृष्ण के स्वरूप गोवर्धन पर्वत (गिरिराज जी) और गाय की पूजा का विशेष महत्व होता है। गोवर्धन, वृंदावन और मथुरा सहित पूरे बृज में विशेष रूप से इस दिन जोर-शोर से अन्नकूट महोत्सव मनाया जाता है। कई जगह मंदिरों में अन्नकूट महोत्सव कार्तिक प्रतिपदा से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक चलता है। हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का बहुत महत्व होता है। इस दिन की गई पूजा भगवान श्री कृष्ण को समर्पित होती है। गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन परिक्रमा करने की मान्यता के साथ साथ 56 भोग लगाने की भी परंपरा है। इस दिन गोवर्धन पर्वत, श्री कृष्ण के अलावा गौ माता की भी पूजा की जाती है। ऐसा करने से श्री कृष्ण भगवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है । गोवर्धन पूजा के लिए घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाई जाती है उसे फूलों से सजाकर दीप, नैवेद्य, फल अर्पित किया जाता है । पूजा के बाद गोबर से गोवर्धन पर्वत की सात बार परिक्रमा की जाती है लेकिन इस साल गोवर्धन पूजा को लेकर सभी जगह बड़ी असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि गोवर्धन पूजा आखिर 13 नवंबर को है या 14 नवंबर को शुभ मुहूर्त अलग अलग दिन पर पड़ने के कारण यह कन्फ्यूजन बन रहा है। इसलिए इस बार गोवर्धन पूजा 13 और 14 नवंबर दोनों दिन मनाई जाएगी ।
Govardhan Puja 2023 :गोवर्धन पूजा की तिथि
आज 13 नवंबर की दोपहर 2:56 पर शुरू होकर कल यानी 14 नवंबर 2:36 तक रहेगी । कुछ जगहों पर 14 नवंबर को भाई दूज भी मनाया जाएगा इसलिए आप 13 नवंबर के शुभ मुहूर्त में पूजा कर सकते हैं। आप गोवर्धन पूजा 14 नवंबर की सुबह में भी कर सकते हैं । 14 नवंबर 2 बजे के बाद भाई दूज की तिथि शुरू जाएगी। इस प्रकार आप एक ही दिन में दोनों पर्व मना सकते हैं।
Govardhan Puja 2023 :गोवर्धन पूजा की विधि
गोवर्धन पूजा करने के लिए आप सबसे पहले घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं। इसके बाद रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर, फूल और दीपक जलाकर गोवर्धन भगवान की पूजा करें और भोग लगाए ।इसके बाद अपने परिवार सहित श्रीकृष्ण स्वरुप गोवर्धन की सात परिक्रमा करे । मान्यता है कि इस दिन विधि विधान से सच्चे दिल से गोवर्धन भगवान की पूजा करने से एवं गायों को गुड़ व चावल खिलाने से भगवान श्री कृष्ण की सदैव कृपा बनी रहती है। इस दिन गाय की पूजा करने से सभी पाप उतर जाते हैं और मोक्ष प्राप्त होता है।
Govardhan Puja 2023 :गोवर्धन पूजा का महत्व
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन जो भी भक्त भगवान गिरिराज की पूजा करता है तो उसके घर में निरंतर सुख समृद्धि बनी रहती है और गोवर्धन देवता का आशीर्वाद उस पर और उसके पशुओं पर बना रहता है। माना जाता है कि इस दिन गोवर्धन भगवान की पूजा करने से जीवन में आ रहे दुख- दर्द दूर हो जाते हैं। साथ ही यह भी कहा जाता है कि गिरिराज जी के अलावा मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है जिससे घर में खुशहाली और उन्नति बनी रहती है। गोवर्धन की पूजा से आर्थिक समस्याएं और तंगी दूर होती हैं। धन धान्य और सौभाग्य की प्रप्ति होती है। गोवर्धन हिंदू धर्म के सबसे लोकप्रिय पर्वों में से एक है। इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा का विधान है। इस शुभ दिन पर, लोग अत्यधिक भक्ति और प्रेम के साथ कान्हा की पूजा करते हैं।
Govardhan Puja 2023 :गोवर्धन पूजन की पौरानिक कथा
गोवर्धन पूजन के पीछे एक पौरानिक कथा है कि जब बृजवासी कृष्ण भगवान की पूजा करते थे, तो इंद्र भगवन ने कोप किया कि ये ब्रजवासी कृष्ण की पूजा क्यों करते हैं। ब्रजवासी मेरी पूजा क्यों नहीं करते हैं तो इंद्र देव ने पूरे ब्रज में तूफान और बरसात कर दी। पूरे ब्रज में पानी भर गया और बृजवासी और बृजवासियों का पशुधन डूबने लगे तब जा कर बृजवासी भगवान कृष्ण के पास जा कर उन से सहायता मांगी। उसके बाद भगवान कृष्ण ने सभी को गोवर्धन पर्वत के पास ले गए , अपनी तर्जनी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठा लिया सभी बृजवासियों को गोवर्धन पर्वत के नीचे आ गए और उनकी जान बच गयी । तभी से बृजवासी श्री कृष्ण स्वरुप गोवर्धन पर्वत की पूजा करने लगे। साथ ही बृजवासियों के अलावा तभी से हिन्दू धर्म में सभी लोग गोबर का प्रतीक के रूप में गोबर की गोवर्धन बनाकर उसके पूजा करने लगें।