YOU TUBE के जरिये फर्जी खबर फ़ैलाने वालो हो जाओ सावधान- ब्लॉक किये गए सैकड़ो चैनल

LEKH RAJ
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you tube : अगर आप भी कोई you tube चैनल चलते है या फिर किसी you tube चैनल पर आँख बंद  कर कर भरोसा करते है तो सतर्क हो जाईये । सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत काम करने वाली प्रेस सूचना ब्यूरो की तथ्य-जांच इकाई ने हाल ही में  नौ यूट्यूब चैनलों को उनके  द्वारा फैलाई गई कथित झूठी सूचनाओं के लिए चिन्हित कर you tube को जानकारी भेजी  है और सोशल मीडिया पर कई रिपोर्ट जारी की है ।

ब्यूरो के अधिकारियों के अनुसार  इन चैनलों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश, प्रधान मंत्री और मुख्य चुनाव आयुक्त सहित संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों के लिए अपमानजनक बयां दिए है । चैनलों पर  भारत के मुख्य न्यायाधीश, प्रधान मंत्री और मुख्य चुनाव आयुक्त सहित संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों के लिए अपमानजनक बयान देने का आरोप है। कुछ चैनलों ने तो कुछ राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाने, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) पर प्रतिबंध लगाने, केंद्रीय मंत्रियों के इस्तीफे/मृत्यु आदि का झूठा दावा किया। ₹200 और ₹500 के करेंसी नोटों पर प्रतिबंध, बैंकों के बंद होने जैसी झूठी खबरें भारत सरकार की योजनाओं और नीतियों से संबंधित गलत जानकारी भी फैलाई है ।  सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के तहत आपातकालीन शक्तियों को लागू करके कई YouTube चैनलों को अवरुद्ध कर दिया है।

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you tube : नो चैनल की डिटेल ये है 

NameSubscribers
1Bajrang Education24.3 lakh subscribers
2Aapke Guruji34.7 lakh
3Bj News5.29 lakh
4Sansani Live TV4.33 lakh
5GVT News8.16 lakh
6 Daily Study3.35 lakh
7Bharat Ekta News11,700
8Ab Bolega Bharat1.78 lakh
9Sarkari Yojana Official1 lakh

इससे पहले भी दिसंबर 2022 से, पीआईबी ने कथित तौर पर गलत जानकारी प्रकाशित करने के लिए 26 ऐसे यूट्यूब चैनलों पर्दाफाश किया था । आईटी नियम, 2021 के प्रावधानों के तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा 120 से अधिक यूट्यूब चैनलों को ब्लॉक कर दिया गया था । केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा पिछले दो सालों में 150 से अधिक websites और यूट्यूब चैनलों को भारत विरोधी सामग्री प्रसारित करने के आरोप में प्रतिबंधित किया गया है। ये प्रतिबंध सूचना प्रौद्योगिकी की धारा 69 A के तहत लगाए गए हैं।

you tube : आईटी की किस धारा के तहत होती है इन पर कार्रवाई?

सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 को 9 जून 2000 को भारत के राजपत्र में प्रकाशित किया गया था और 17 अक्टूबर 2000 से यह कानून प्रभावी है। इस अधिनियम में निहित धारा 69A के तहत अगर केंद्र सरकार चाहे तो वह किसी भी ऑनलाइन सामग्री या सोशल मीडिया अकाउंट, जो भारत की संप्रभुता, अखंडता, रक्षा, विदेशी राष्ट्रों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध के लिए खतरा पैदा करती हो, को ब्लॉक कर सकती है और साथ ही साइबर अपराधी को गिरफ्तार भी कर सकती है। इसके बाद साल 2009 में इस अधिनियम में भी संशोधन भी  किये गए थे।

you tube : इससे पहले भी सरकार ने  लगातार you tube चैनल्स को ब्लॉक किया है 

दिसंबर 2021 में खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पाकिस्तान से संचालित 20 यूट्यूब चैनलों और दो वेबसाइटों को ब्लॉक करवा दिया  था। इन चैनलों पर भारत से संबंधित संवेदनशील विषयों के बारे में फर्जी खबरें फैलाई जा रही थीं। इन चैनलों का इस्तेमाल कश्मीर, भारतीय सेना, भारत में अल्पसंख्यक समुदाय, राम मंदिर, जनरल विपिन रावत जैसे विषयों पर भ्रामक और विभाजनकारी सामग्रियों को प्रसारित करने के लिए किया जा रहा था।

जनवरी 2022 में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने पाकिस्तान द्वारा वित्त पोषित 35 यूट्यूब चैनलों सहित दो वेबसाइटों को ब्लॉक करने का निर्देश दिया था। इन यूट्यूब चैनलों के कुल सब्सक्राइबर्स एक करोड़ 20 लाख से भी अधिक थे और उनके वीडियो को 130 करोड़ से अधिक व्यूज मिले थे। इसके अतिरिक्त, दो ट्विटर अकाउंट, दो INSTAGRAM अकाउंट और एक FACEBOOK अकाउंट को भी ब्लॉक किया गया था। इन यूट्यूब चैनलों पर भारत विरोधी समाचार प्रसारित किए जाते थे। भारतीय खुफिया एजेंसियां इन सोशल मीडिया अकाउंट्स और वेबसाइटों की बारीकी से निगरानी कर रही थीं।

फरवरी 2022 में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने विदेश से संचालित ‘पंजाब पॉलिटिक्स टीवी’ के ऐप, वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक करने का आदेश दिया था। ‘पंजाब पॉलिटिक्स टीवी’ का संबंध प्रतिबंधित आतंकी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ से है। इस चैनल ने उस समय पंजाब में चल रहे विधानसभा चुनावों के दौरान सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश की थी। ब्लॉक किए गए ऐप, WEBSITE और सोशल मीडिया के जरिए सांप्रदायिक वैमनस्य, अलगाववाद, भारत की एकता और अखंडता को क्षति पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा था।

अप्रैल 2022 को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 22 यूट्यूब NEWS  चैनलों, तीन ट्विटर अकाउंट, एक FACEBOOK अकाउंट और एक न्यूज WEBSITE  को ब्लॉक करने का निर्देश दिया था। इन चैनलों की कुल व्यूअरशिप 260 करोड़ से भी अधिक थी। इन यूट्यूब चैनलों का इस्तेमाल राष्ट्रीय सुरक्षा, भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों और सार्वजनिक व्यवस्था के दृष्टिकोण से संवेदनशील विषयों पर फर्जी समाचार फैलाने और सोशल मीडिया पर गलत सूचना को प्रसारित करने के लिए किया जा रहा था।

अप्रैल 2022 को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 16 यूट्यूब न्यूज चैनलों और एक FACEBOOK अकाउंट को ब्लाॅक करने का निर्देश दिया था। ब्लॉक किए गए सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म में पाकिस्तान स्थित छह यूट्यूब चैनल और भारत स्थित 10 यूट्यूब चैनल शामिल थे। इन सभी यूट्यूब चैनलों की कुल व्यूअरशिप 68 करोड़ से भी अधिक की थी। इन चैनलों का इस्तेमाल राष्ट्रीय सुरक्षा, भारत के अंतरराष्ट्रीय संबंधों, देश में सांप्रदायिक सद्भाव और सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित मामलों पर सोशल मीडिया पर फर्जी खबरें फैलाने के लिए किया गया था।

जुलाई 2022 में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर के अनुसार   मंत्रालय ने साल 2021-22 में देश के खिलाफ काम करने वाले यूट्यूब चैनलों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की है। राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने इस दौरान 94 यूट्यूब चैनलों, 19 सोशल मीडिया अकाउंट और 747 यूआरएल को ब्लाॅक किया है।

अगस्त 2022 में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आठ यूट्यूब न्यूज चैनलों, एक FACEBOOK अकाउंट और दो फेसबुक पोस्ट को ब्लॉक करने के निर्देश दिया थे। ब्लॉक किए गए यूट्यूब चैनलों को कुल 114 करोड़ से अधिक के व्यूज मिले थे और 85 लाख से अधिक लोगों ने इन यूट्यूब चैनलों को सब्सक्राइब किया था। इन वीडियो के जरिए भारत विरोधी भ्रामक सामग्री प्रसारित की गई थी।

सितंबर 2022 में खुफिया एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 10 यूट्यूब चैनलों के 45 वीडियो को ब्लॉक करने का निर्देश दिया था। इन वीडियो को कुल मिलाकर एक करोड़ 30 लाख से भी ज्यादा व्यूज मिले थे। इन चैनलों ने अपने वीडियो के जरिए सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने और सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित करने की कोशिश की थी। इनमें से कुछ वीडियो का इस्तेमाल अग्निपथ योजना, भारतीय सशस्त्र बलों, राष्ट्रीय सुरक्षा, कश्मीर आदि मुद्दों पर गलत सूचना फैलाने के लिए किया जा रहा था।

जनवरी 2023 को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने फर्जी खबरें और गलत सूचनाएं प्रसारित करने के आरोप में छह यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया था। इन सभी यूट्यूब चैनलों के कुल मिलाकर 20 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स थे और इन्हें 51 करोड़ से अधिक व्यूज मिले थे।

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