National Education Day 2023 : भारत में हर साल 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है। यह प्रख्यात शिक्षाविद् और स्वतंत्र भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती है। जो भारत के पहले शिक्षा मंत्री थे , उनका मानना था कि शिक्षा सामाजिक परिवर्तन का एक प्रमुख उपकरण है। उनका स्पष्ट दृष्टिकोण था कि सभी व्यक्तियों को शिक्षा का सामान अधिकार होना चाहिए उन्होंने 1947 से 1958 तक इस पद पर कार्य किया। शिक्षा को बेहतर और सुलभ बनाने की दिशा में अनेको प्रयास किये उन्होंने प्राथमिक शिक्षा को अनिवार्य और निशुल्क बनाने का प्रस्ताव रखा । आज हमारे बच्चे राइट ऑफ़ एजुकेशन के तहत निशुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे है ये भी उनकी दूरगामी सोच का ही परिणाम है इसलिए हमेशा उनके काम की सराहना और सम्मान किया जाता है। शिक्षा और शैक्षणिक संस्थानों के क्षेत्र में उनके योगदान को हमेशा याद रखने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। 2008 से लगातार राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जा रहा है। मौलाना अबुल कलाम आजाद ने शिक्षा को भारत के विकास का आधार माना और उनकी ये सोच आज सार्थक साबित हुई है आजाद ने शिक्षा को धर्मनिरपेक्ष और समान रूप से सुलभ बनाने पर जोर दिया। इसके अलावा मौलाना अबुल कलाम आजाद ने विश्वविद्यालय शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई संस्थानों की स्थापना भी की थी।
National Education Day 2023 : राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2023
शिक्षा सभी मनुष्यों का मूल अधिकार है। यह एक मजबूत और समृद्ध समाज की रीढ़ भी बनता है। शिक्षा हमें अपने परिवेश, अपने जीवन और अपने समाज के बारे में जागरूक होने में मदद करती है। यह हमें ज्ञान प्राप्त करने, सबक सीखने और सबक को कार्यों में बदलने में मदद करता है जो बदले में हमें सफलता की राह पर चलने में मदद कर सकता है। किसी देश का एक शिक्षित नागरिक एक आदर्श नागरिक होता है क्योंकि वह बेहतर भविष्य के लिए सोचेगा और काम करेगा – अपने लिए और दुनिया के लिए भी। शिक्षा के महत्व को समझने और हम शिक्षा को सभी के लिए प्राथमिकता और आसानी से सुलभ बनाने की दिशा में कैसे काम कर सकते हैं, यह समझने के लिए हर साल राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है।
National Education Day 2023 : राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2023: इतिहास
केंद्र सरकार ने सितंबर 2008 में 11 नवंबर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में घोषित किया। पहले राष्ट्रीय शिक्षा दिवस समारोह का उद्घाटन तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा 11 नवंबर, 2008 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में किया गया था। राष्ट्रीय शिक्षा दिवस, नेल्सन मंडेला ने एक बार था, “शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसका उपयोग आप दुनिया को बदलने के लिए कर सकते हैं”।
National Education Day 2023 : मौलाना अबुल कलाम आजाद के बारे में और जाने
- मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्म 11 नवंबर 1888 को मक्का सऊदी अरब में हुआ था उनका पूरा नाम अबुल कलाम मोहिउद्दीन अहमद था उनके पिता खैरुद्दीन दिल्ली में रहा करते थे लेकिन बाद में 1857 के विद्रोह से पहले सऊदी अरब चले गए थे खैरुद्दीन अपने परिवार सहित 1895 में भारत वापस लौटकर कलकत्ता में बस गए थे मौलाना अबुल कलाम आजाद ने आजाद को अपने उपनाम के तौर पर अपनाया था।
- आजाद एक महान स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षाविद, पत्रकार और लेखक थे। मौलाना अबुल कलाम आजाद 1923 में 23 वर्ष की उम्र में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर भी रह चुके हैं। उन्हें भारत के पहले शिक्षा मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था।उन्होंने देश की शिक्षा प्रणाली को आधुनिक बनाने और इसे सभी के लिए सुलभ बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
- उन्हें ‘खिलाफत आंदोलन’ (1919-26) के नेता बनाया गया था।
- मौलाना अबुल कलाम आज़ाद स्वतंत्र भारत के प्रमुख वास्तुकार भी थे।
- शिक्षा के प्रति उनके सर्वांगीण दृष्टिकोण ने उन्हें अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग जैसे शीर्ष शिक्षा निकाय स्थापित करने के लिए प्रेरित किया। उन्हें 1992 में मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न से सम्मानित किया गया। भारतीय संविधान के अनुसार, प्रत्येक बच्चे को शिक्षा का अधिकार है।
- उन्हें मौलाना आज़ाद भी कहा जाता है, वे स्वतंत्र भारत के एक प्रमुख वास्तुकार थे। उन्होंने अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) सहित शीर्ष शिक्षा निकायों की स्थापना भी की थी । मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने पहले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान – आईआईटी खड़गपुर की भी स्थापना की।
National Education Day 2023 :राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का अवसर हम सभी को याद दिलाता है कि हमें कभी भी किसी बच्चे को शिक्षा से वंचित नहीं रहने देना चाहिए। भारत में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस 2023 का जश्न मनाएं और मौलाना अबुल कलाम आज़ाद द्वारा इसके लिए किए गए अविश्वसनीय कार्यों को याद करें। हम सभी यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं कि हमारे देश का हर बच्चा सीख सके और भारत के अद्भुत भविष्य का हिस्सा बन सके।